शौर्य, बलिदान और अदम्य साहस: शहीद निरीक्षक सुनील कुमार को समर्पित
शौर्य, बलिदान और अदम्य साहस: शहीद निरीक्षक सुनील कुमार को समर्पित
22 जनवरी 2025, उत्तर प्रदेश के इतिहास का एक ऐसा दिन जब कर्तव्य, साहस और बलिदान की परिभाषा को एक बार फिर से नया आयाम मिला। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वीर निरीक्षक श्री सुनील कुमार ने देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह बलिदान न केवल एक अधिकारी का है, बल्कि यह उस कर्तव्यनिष्ठा और वीरता का प्रतीक है, जो हमारे समाज की रीढ़ है।
वीरता की अद्भुत गाथा
निरीक्षक सुनील कुमार का पूरा जीवन साहस, शौर्य और निष्ठा की मिसाल रहा। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सैकड़ों अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाई और अपने कार्यकाल के दौरान कई कुख्यात अपराधियों को न केवल गिरफ्तार किया, बल्कि समाज में भय और आतंक के अंधकार को समाप्त करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। उनकी बहादुरी केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि हर उस मोर्चे पर थी, जहां अपराध और आतंक ने समाज को जकड़ने का प्रयास किया।
2008 में फतेहपुर में 50,000 के इनामी डकैत उमर केवट को मार गिराने से लेकर 2025 में 1,00,000 के इनामी अपराधी अरशद और उसके साथियों को समाप्त करने तक, सुनील कुमार ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। प्रत्येक मुठभेड़ में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी।
कर्तव्य के लिए सर्वोच्च बलिदान
20 जनवरी 2025 की रात, शामली में हुई मुठभेड़ के दौरान सुनील कुमार ने न केवल अपराधियों का सफाया किया, बल्कि यह साबित कर दिया कि देश के वीर जवान हर चुनौती के लिए तैयार हैं। चार कुख्यात अपराधियों को ढेर करने के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए। जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए, उन्होंने मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। यह बलिदान केवल उनकी वीरता का अंत नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है जो हर नागरिक को अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित करता है।
शहीद को राज्य की श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षक सुनील कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को उच्चतम सम्मान प्रदान करते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक सरकारी नौकरी, और मेरठ में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखने की घोषणा की। यह राज्य की ओर से उनकी वीरता के प्रति सम्मान और उनके परिवार के प्रति संवेदना का प्रतीक है।
कड़ा संदेश अपराधियों को
निरीक्षक सुनील कुमार का बलिदान उन अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है, जो कानून और व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास करते हैं। एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि अपराध चाहे कितना भी संगठित और शक्तिशाली क्यों न हो, उसे समाप्त करने के लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सक्षम हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
शहीद सुनील कुमार केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा कर्तव्यपरायणता क्या होती है। उन्होंने अपनी वीरता और बलिदान से समाज को यह दिखाया कि देश की सुरक्षा और जनता की सेवा के लिए समर्पित व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटता।
नमन और प्रण
यह समाज और सरकार का कर्तव्य है कि शहीदों के परिवार का सम्मान बनाए रखें और उनके बलिदान को कभी न भूलें। यह समय है जब हर नागरिक सुनील कुमार जैसे नायकों से प्रेरणा ले और अपने समाज, देश और कर्तव्यों के प्रति सजग रहे।
निरीक्षक सुनील कुमार को शत-शत नमन। आपका बलिदान अमर रहेगा।
संस्थापक एवं मुख्य संपादक
अंशुल तोमर
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